शराब की बढ़ती कीमत के बाद भी लगी शराब की दुकान के बाहर लंबी-लंबी लाइनें
सोमवार से ही जिस बात की ज्यादा चर्चा थी वह हे शराब की दुकान के बाहर लगी लंबी-लंबी लाइनें सोमवार से ही हर छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी शराब की दुकानों के बाहर लंबी-लंबी लाइने देखने को मिली जहां न सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो रहा है ना कुछ और लोगों ने शराब के लिए दिन भर लाइन में खड़े सहने की मुसीबत उठाई और शराब की दुकानों के सामने डटे रहे यह देखकर आश्चर्य होता है की लोग शराब के लिए कितनी मेहनत कर सकते हैं लोग भरी धूप में 4 से 5 घंटे शराब लेने के लिए लाइन में खड़े रहे कहीं-कहीं तो बारिश के चलते भी लोग लाइनों से ना हटे इस तरह की तस्वीरें पता चलता है कि जो लोगों ने सर आपके लिए भीड़ भरी लंबी-लंबी लाइनें लगाई है क्या वह सही है इस कोरोना काल में इन लाइनों को देखते हुए ऐसा लगता है कि कोई कोरोना काल है ही नहीं लोग शराब खरीदने से काम है वह किसी चीज से नहीं ना उन्हें सोशल डिस्पेंसिंग का खाया है ना किसी बात की परवाह उन्हें बस शराब खरीदनी है चाहे कितनी देर लाइन में खड़े रहने से मिले उन्हें परवाह नहीं बताया जा रहा है कि शराब की दुकान कहीं-कहीं 10:00 बजे खुली है किंतु लोग वहां सुबह 6:00 से लाइन लगाए खड़े हैं ताकि उन्हें शराब जल्दी मिल जाए शराब की चाहत में मर्द ही शामिल नहीं इसमें औरतें भी शामिल है महिलाओं ने भी शराब की दुकानों के बाहर कई जगहों पर लाइन लगाई और शराब के लिए उसी तरह इंतजार किया जिस तरह लोग खड़े हुए हैं लोग शराबी एक बोतल के लिए नहीं पूरी पूरी पेटी लेने के लिए खड़े हैं जैसे शराब तो अब खत्म ही हो जाएगी मानो कल के बाद शराब का कोई नामोनिशान ना रहेगा
सोचने वाली बात तो यह है की शराब की कीमत 70 फ़ीसदी बढ़ा दी गई है किंतु इन लाइनों को देखते हुए कहीं से नहीं लगता की कीमत बढ़ी है और पड़ी है तो इन भीड़ भरी लाइनों पर उनका असर क्यों नहीं है क्या शराब पीना इतना जरूरी है कि वह 70 फ़ीसदी कीमत अधिक देकर भी वैसी ही लाइन लगाए खड़े हैं जिसे शराब फ्री में मिल रही हो यहां तक कि इन लोगों को तो कोरोना महामारी का भी खौफ नहीं उसके बीच इनमें लाइन के लिए मारामारी मची है लोगों ने 500 मीटर से 1 किलोमीटर तक लंबी लाइनें भी बना रखी है जो कि देखकर आश्चर्य होता है इन लाइनों में लोग लोग इस तरह चिपक चिपक कर खड़े हैं यह देखकर समझ नहीं आता कि सोशल डिस्टेंसिंग आखिर गई कहां और यह पूरे देश भर में से ऐसी तस्वीरें सामने आ रही है
लोगों का कहना इन लाइनों पर
लोगों का कहना है कि हमारी आदत है शराब के बिना हमें नींद नहीं आती तो हम कहा जाए हमें तो बस शराब चाहिए
शराब बेचने का फैसला सरकार ने ही लिया है और लोगों ने उसे खरीदने का किंतु इस कोरोना काल में यह किस हद तक जायज से यह देखना अभी बाकी है अभी तो इन लंबी-लंबी लाइनों ने सोशल डिस्टेंस इन की पूरी तरह धज्जियां उड़ा दी है
अब हम बात करते हैं दिल्ली के विश्वास नगर की जहां एक और लोग पानी भरने के लिए लंबी-लंबी लाइनों में बर्तन लेकर खड़े हैं और वहीं दूसरी ओर शराब के लिए लोग लंबी-लंबी लाइनों में खड़े यह दोनों लाइन इस तरह पास में कि लोगों को देखकर आश्चर्य हो रहा है पानी से भी ज्यादा शराब लेने वालों की लाइन लंबी है तो क्या इसका मतलब यह समझे कि लोगों को पानी से ज्यादा शराब की जरूरत है क्या कहना मुश्किल है पर अभी जो सामने दृश्य दिख रहे हैं उससे तो यही लगता है कि लोग पानी से ज्यादा शराब खरीदने के लिए उत्सुक है नीचे तस्वीर में आप देख सकते हैं कि पानी और शराब के लिए किस तरह लोग लाइन लगाए खड़े हैं
शराब की दुकान के सामने लंबी लाइन के बीच जब पहुंचे न्यूज़ रिपोर्टर तो लोग शर्म आने लगे शराब के लिए वह खड़े रहेंगे किंतु न्यूज़ रिपोर्टर के सामने आने से शर्म आ गए हाथ जोड़कर बोलने लगी कुछ नहीं कहना मुझे मत दिखाओ अगर शर्म है तो फिर इस तरह लाइन में क्यों यह सवाल आम जनता की दिमाग में घूम रहा है देखिए इस वीडियो को नीचे दिया गया।